Monday, October 29, 2007

नजर लगी राजा तोरे बंगले पर

लगता है फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के बंगले को किसी की नजर लग गई है। तभी तो उनके बंगले से संबंधित विवादों का ग्राफ उनकी कामय़ाबी और शोहरत की तरह दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से अग्रसर है।

अब देखिए ना, अभी पिछले दिनों ही मुंबई हाई कोर्ट ने किंग खान को उनके बंगले मन्नत की बाउंडरी की दीवार को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किय़ा था। दरअसल अदालत में दायर एक जनहित य़ाचिका के अनुसार मन्नत की बाउंडरी की दीवार मुख्य़ सड़क के अतिक्रमण के दाय़रे में बनी हुई है, जो गैरकानूनी है।

अभी य़ह मामला ठंडा भी नहीं हुआ था और बालीवुड बादशाह एक बार फिर विवादों से घिर गय़ा है। इस बार विवाद बंगले के किराए को लेकर है। सूचना के अधिकार के माध्य़म से मिली जानकारी के मुताबिक मुंबई के सबते महंगे इलाके में स्थित बंगले के किराए के रुप में शाहरुख सरकार को महज 2300 रुपए अदा करते हैं।

सूत्रों के अनुसार 2446 वर्ग मीटर में फैले इस बंगले की लीज की अवधि खत्म हो चुकी है। शाहरुख सरकार को पुरानी लीज के हिसाब से ही रकम चुका रहे हैं। इस संबंध में सरकार का पक्ष है कि मुंबई में कई ऐसी इमारतें और भू-खंड हैं जो वर्षों से लीज पर चली आ रही हैं। इनमें से अधिकतर की लीज अवधि समाप्त हो चुकी है, लेकिन जिनके नाम पर लीज के कागजात हैं वो उसे रेन्य़ू कराने से पल्ला झाड़ रहे हैं। और तो और जब उन्हें इस बाबत नोटिस भेजा गय़ा तो इनमें से कई अदालत जा पहुंचे। चुकि मामला अदालत में विचाराधीन है, इसलिए जब तक इस पर कोर्ट का कोई फैसला नहीं आ जाता आगे की कार्रवाई संभव नहीं।

9 comments:

नियति said...

बहुत सही नियति

Ashish Maharishi said...

बस ऐसे ही लिखती रहो

niyati said...
This comment has been removed by the author.
Unknown said...

chaliye achha hai ki aap bhi iska hissa ban gain..
sahi hai jab apki kabiliyat ko ankne wale itne bade bade log ape dost hai to fir aap piche kaise rah sakti thi..
hai na..
bhagwan kare ki apke chane wale hamesha aapke sath rahe..
bas ek gujarish hai apse ki kahi aap bhi ghamnd ke nashe me chur hokar apno ko na bhula dijiyega..

अनिल पाण्डेय said...

khushi huyi ki aap bhi iska ban gayin. par dukh hua ki bataya hi nahi. shahar ke sath hi purane doston ko bhool gayi.

Sanjeet Tripathi said...

हार्दिक स्वागत। शुभकामनाएँ।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

नियति जी,
ब्लोग जगत मेँ स्वागत है आपका -प्रविष्टि भी दीलचस्प है -
लिखती रहिये --
स्नेह,
--लावण्या

Udan Tashtari said...

हार्दिक स्वागत।
नियमित लेखन के लिये अनेकों शुभकामनायें.

Sagar Chand Nahar said...

स्वागत है नियतिजी
सूचना और अधिकार के कानून की वजह से कम से कम हमें इतनी जानकारी तो मिलने लगी है, वरना हमें तो पता ही नहीं चलता कि नेता अभिनेता और पुलिस किस तरह देश को नुकसान करने में लगे हैं।
आज एक गरीब आदमी को मुंबई में २३०० रुपये में खोली नहीं मिलती और शाहरूख इतने बडे़ बंगले में रह रहे हैं।
वैसे बादशाह और राजा कहना कुछ अतिशयोक्ति नहीं लगती??
॥दस्तक॥
गीतों की महफिल